recent posts

Suraiya Multanikar- Pakistani Female Singer and Pakistani singer mostly known as folk songs –with Photos – In Hindi – In English - सुरैया मुल्तानीकर- पाकिस्तानी महिला गायिका और पाकिस्तानी गायिका को ज्यादातर लोक गीतों के रूप में जाना जाता है - तस्वीरों के साथ - हिंदी में - अंग्रेजी में -

Suraiya Multanikar- Pakistani Female Singer and  Pakistani singer mostly known as folk songs –with Photos – In Hindi – In English -

सुरैया मुल्तानीकर- पाकिस्तानी महिला गायिका और पाकिस्तानी गायिका को ज्यादातर लोक गीतों के रूप में जाना जाता है - तस्वीरों के साथ - हिंदी में - अंग्रेजी में -

-------------------

https://femaleplaybacksinger.blogspot.com/

https://femaleplaybacksinger.blogspot.com/

https://femaleplaybacksinger.blogspot.com/


-------------------

नाम : सुरैया मुल्तानीकर

-------------------

नाम : सुरैया मुल्तानीकर

-------------------

जन्म वर्ष : 1940

-------------------

जन्म स्थान: मुल्तान, पाकिस्तान

-------------------

पुरस्कार:

1) प्रदर्शन का गौरव (1986),

2) सितारा-ए-इम्तियाज (2008)

----------------

सुरैया मुल्तानीकर, एक पाकिस्तानी गायिका हैं जो ज्यादातर अपने लोक गीतों के लिए जानी जाती हैं। उनके प्रदर्शनों की सूची में शास्त्रीय, अर्ध-शास्त्रीय, ग़ज़ल, लोक गीत और फ़िल्मी गीत शामिल हैं।

-------------------

प्रारंभिक जीवन और परिवार

---------------

मुल्तानीकर का जन्म पंजाब के मुल्तान में हुआ था। उनकी बचपन की शुरुआती यादें एक गायिका के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की हैं। उसके निकट के परिवार में कोई भी उसे न तो पढ़ा सकता था और न ही सलाह दे सकता था। इसलिए बचपन में उन्होंने फिल्मी गाने सुनकर और उनकी धुनों और गीतों की नकल करके खुद को पढ़ाया। बाद में, वह शास्त्रीय संगीत के दिल्ली घराने के गुलाम नबी खान की औपचारिक शिष्या बन गईं, जो एक सारंगी वादक थे।

---------------

मुल्तानीकर के 7 बच्चे हैं (सबसे बड़े से सबसे छोटे तक): मुहम्मद अली, ब्रिटेन के एक हड्डी रोग चिकित्सक; रुकैया सज्जाद; रमजान अली, शाइस्ता, राबिया, आलिया और राहत बानो। उनकी सबसे छोटी बेटी राहत मुल्तानीकर भी अपनी मां की तरह लोक गायिका हैं।

---------------

कैरियर: रेडियो पाकिस्तान

---------------

रेडियो पर, 15 साल की उम्र में, उन्होंने अनुभवी पाकिस्तानी संगीतकार, नियाज़ हुसैन शमी और अब्दुल हक कुरैशी की रचनाएँ गाईं। एक गायिका के रूप में अपने करियर में, वह रोशन आरा बेगम, शाम चौरसिया घराने के उस्ताद सलामत अली खान, पटियाला घराने के बड़े फतेह अली खान और मेहदी हसन के कामों से प्रेरित थीं।

-------------------

फिल्म उद्योग

---------------

एक पार्श्व गायक के रूप में मुल्तानिकर का करियर अल्पकालिक था। उन्हें मसरूर अनवर द्वारा लिखित अपने गीत "बेयर बे मुराववत है ये हुस्न वाले", "कहीं दिल लगाने की कोशिश ना करना", पाकिस्तानी फिल्म बदनाम (1966) से दीबो भट्टाचार्य द्वारा संगीत के लिए व्यापक पहचान मिली।

-------------------

पुरस्कार और मान्यता

---------------

    1959: स्वर्ण पुरस्कार

    1960: चट्टा गैंग अवार्ड

    1964: निगार पुरस्कार

    1975: गुलाम फरीद पुरस्कार

    1980: गुलाम फरीद पुरस्कार

    1982: जश्न-ए-फरीद पुरस्कार

    1981: शायर-ए-मशरिक पुरस्कार

    1982: शायर-ए-मशरिक पुरस्कार

    1986: प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस अवार्ड द्वारा

    पाकिस्तान के राष्ट्रपति

    2000: शाहबाज पुरस्कार

    2002: गुलाम फरीद पुरस्कार

    2008: पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा सितारा-ए-इम्तियाज पुरस्कार

-------------------

Suraiya Multanikar- Pakistani Female Singer and  Pakistani singer mostly known as folk songs –with Photos – In Hindi – In English - 

------------------

Name : Suraiya Multanikar-

------------------

Other names: Surayya Multanikar-

------------------

Birth Year :  1940  

------------------

Place of Birth : Multan, Pakistan

------------------

Awards : 

1) Pride of Performance (1986), 

2) Sitara-i-Imtiaz (2008)

----------------

Suraiya Multanikar, is a Pakistani singer mostly known for her folk songs. Her repertoire includes classical, semi-classical, ghazal, folk songs and film songs.  

-------------------

Early life and family

---------------

Multanikar was born in Multan, Punjab. Her earliest childhood memories are of wanting to excel as a singer. No one in her immediate family could either teach or advise her. So in her childhood, she taught herself by listening to film songs and copying their tunes and lyrics. Later, she became a formal disciple of Ghulam Nabi Khan of the Delhi gharana of classical music who was a sarangi player. 

---------------

Multanikar has 7 children (from oldest to youngest): Muhammad Ali, a UK-based orthopaedic doctor; Ruqaiya Sajjad; Ramzan Ali, Shaista, Rabia, Aalia and Rahat Bano. Her youngest daughter, Rahat Multanikar is also a folk singer like her mother.

---------------

Career : Radio Pakistan

---------------

On the radio, at age 15, she sang compositions by veteran Pakistani composers, Niaz Hussain Shami and Abdul Haq Qureshi. In her career as a singer, she was inspired from the works of Roshan Ara Begum, Ustad Salamat Ali Khan of Sham Chaurasia gharana, Bade Fateh Ali Khan of Patiala gharana and Mehdi Hassan. 

-------------------

Film industry

---------------

Multanikar's career as a playback singer was short lived. She gained widespread recognition for her song,"Bare Be Murawwat Hain Yeh Husn Walay", "Kahin Dil Laganey Ki Koshish Na Karna" written by Masroor Anwar, music by Deebo Bhattacharya from the Pakistani film, Badnaam (1966).

------------------

Awards and recognition

---------------

    1959: Golden Award

    1960: Chatta Gaang Award

    1964: Nigar Award

    1975: Gulam Fareed Award

    1980: Gulam Fareed Award

    1982: Jashn-e-Fareed Award

    1981: Shair-e-Mashriq Award

    1982: Shair-e-Mashriq Award

    1986: Pride of Performance Award by the 

    President of Pakistan

    2000: Shahbaz Award

    2002: Gulam Fareed Award

    2008: Sitara-i-Imtiaz Award by the 

    President of Pakistan

------------------













 .

Suraiya Multanikar- Pakistani Female Singer and  Pakistani singer mostly known as folk songs –with Photos – In Hindi – In English -

सुरैया मुल्तानीकर- पाकिस्तानी महिला गायिका और पाकिस्तानी गायिका को ज्यादातर लोक गीतों के रूप में जाना जाता है - तस्वीरों के साथ - हिंदी में - अंग्रेजी में -

No comments:

Powered by Blogger.